टुनी चिड़िया ,कालू कौवा , कुकू खरगोश,गोरी,
टुनी चिड़िया हुई कौवे से परेशान
फूलपुर जंगल में टुनी चिड़िया रहती थी,जो बहुत ही सुंदर ,दयालु और ईमानदार थी,
फूलपुर के पूरे जंगल में सभी टुनी चिड़िया की बहुत तारीफ करते
टुनी चिड़िया अपने हर काम को बहुत अच्छे से करती, चाहे वह बारिश के बाद घोंसला फिर से बनाना हो या ,अपने और अपने साथियों के लिए खाना लाना हो ,एक दिन …
गोरी चिड़िया- टुनी मेरी दोस्त तुम क्या कर रही हो, चलो हम सेर पर चलते हैं
टुनी,–गौरी आज मुझे बहुत काम है ,तुम्हें तो पता है आज मुझे घोसले की मरम्मत भी करनी है ,
घोसले की सारी घास उड़ गई है इस वजह से अंदर बहुत ठंड लगती है यह तो ठीक करना ही पड़ेगा सर्दी बहुत बढ़ गई है
गोरी चिड़िया–ठीक है टुनी तुम अपने घोंसले की मरमत करो ,में जरा इन वादियों में एक चक्कर मार के आती हु।
टुनी–हां गोरी तुम घूम कर आओ फिर मैं तुम्हें अपने नए घोसले में एक अच्छी सी दावत दूंगी
गोरी–दावत …तुम सचमुच कितनी प्यारी हो सब लोग तुम्हारे बारे में सच ही कहते हैं तुम जैसा इस पूरे जंगल में कोई भी नहीं
नरेशन –और फिर गोरी चिड़िया वहां से सैर पर निकल जाती है,
गोरी चिड़िया जब लौट रही होती है तो उसे टमाटर का एक बहुत ही सुंदर खेत नजर आता है जहां पर ढेर सारे लाल लाल टमाटर होते हैं
गोरी चिड़िया–क्यों ना इनमें से कुछ टमाटर अपने साथ ले चलू और टुनी को दे दु, सर्दियां भी है, रोज-रोज इसका सूप पीना बहुत अच्छा रहेगा, और टुनी से अच्छा सूप तो कोई बना ही नहीं सकता ,मैं टमाटर को अपने साथ ले जाती हूं
नरेशन –उसके बाद गौरी वहां से कुछ टमाटर अपने साथ अपने झोले में रख लेती है, और टुनी के घर की तरफ चल देती है रास्ते में गोरी को कुकू खरगोश मिलता है
कुकू खरगोश–अरे गोरी रुको इतनी ऊपर कहां उड़ी जा रही हो जरा नीचे तो देखो, क्या लिए जा रही हो अपने झोले में
गोरी–अरे कुकू भैया कुछ भी नहीं बस थोड़ी टमाटर है ,मेरी सहेली टुनी के लिए, तुम्हें तो पता ही है वह कितना अच्छा टमाटर का सूप बनती है ,तो सोचा कुछ टमाटर ले चलो तो उसके हाथ का सूप पीने को मिलेगा
कुकू–अरे अब तुम्हें उसके हाथ का
सूप पीने को नहीं मिलेगा
गोरी–छी …कुकु भइया आप इतनी गंदी बातें क्यों कर रहे हो मेरी सहेली को क्या हुआ है और क्यों मैं उसके हाथ का सूप नहीं पियूंगी
कुकू–यह बात तो पूरे जंगल को पता है टुनी जब घोंसला बना रही थी ,तो वहां पर कालू कौवा आ गया और वह टुनी को हमेशा की तरह परेशान करने लगा टुनी और उसके बीच जबरदस्त झगड़ा हो गया
गोरी–लेकिन क्यों आखिर कालू ने टुनी से झगड़ा क्यों किया वह तो अपना घोंसला बना रहीथी,
मैं अभी अपनी सहेली के पास जाती हूं
कुकू–अरे गोरी रुको तो पूरी बात तो सुनती जाओ मैं भी तुम्हारी तरफ ही आ रहा हूं रुको मेरेलिए…
नरेशन–लेकिन गौरी कूकू खरगोश की कोई बात नहीं सुनती और तेजी से अपने पंख फड़फड़ती हुई उड़ती हुई अपनी सहेली टुनी के घोंसले के पास पहुंच जाती है ,और देखती हैं कि टुनी वहां अकेली बैठी रो रही है
गोरी – ,टुनी टुनी क्या हुआ, और उस बदमाश कालू कावे ने फिर से ऐसा क्यों किया
टुनी–गौरी कालू कौवा मुझ पर ब्लेम (इल्जाम) लगा रहा था कि यह जो घास के तिनके हैं यह उसके हैं जबकि मैंने तो इन्हें कब से चुन के रखा हुआ था
गोरी–टुनी तुम परेशान मत हो ,तुम रो मत
टुनी–गौरी कालू कौवे ने मेरा पूरा घोंसला तोड़ दिया अब मैं कहां रहूंगी कितनी सर्दी है देखो जरा
गोरी–तुमने ऐसी सोच भी कैसे टुनी की तुम कहां रहोगी तुम्हारी सहेली है ना तुम्हारे साथ
टुनी–लेकिन गौरी तुम्हारा घोसला तो इतना छोटा है जिसमें तो तुम ही बड़ी मुश्किल से आ पाती हो मैं वहां कैसे आऊंगी
गौरी तुम्हें मेरे लिए परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है मैं उस कालू कौवे को इस बार सबक सिखा के ही रहूंगी
गोरी–लेकिन टोनी तुम अकेली क्या करोगी
नरेशन –तभी कुकू खरगोश हांफते हांफते टुनी और गौरी के पास पहुंचता है और कहता है
कुकू,– गौरी तुम्हें मैं कितना रोका तुम तो बस उड़ी ही चली जा रही थी ,जैसे पता नहीं क्या ही करने वाली हो
मैं भागते-भागते आया हूं तुम्हारे पास देखो मेरी सांस कितनी फूल गई है, और क्या बात कर रही थी तुम दोनों की टुनी अकेली है ,
टुनी अकेली नहीं है ,मैं हूं ट्नी के साथ और तुम भी तो हो
हम चलते हैं ना उसे कालू कौवे के पास उसे बताते हैं कि दूसरों का घोंसला तोड़ना कितनी बुरी बात है
टुनी–
नहीं कुकू भैया यह मेरी लड़ाई है इसे मैं अकेली ही लडूंगी
कुकू–
नहीं टुनी अब यह तुम्हारी लड़ाई नहीं है यह पूरे जंगल की लड़ाई है
तभी सामने से कावा आता है
कालू कौवा–काव काव..
क्यों टुनी बना की नहीं तुम्हार घोंसला
बड़ी आई ,सुंदर घोंसला बनाएगी…
लगता है तुम जानती नहीं की कालू कौवा क्या है क्या तुम मेरा शरीर नहीं देखी मेरी आवाज नहीं देखी और देखो मेरी आंखें कितनी बड़ी है ,मेरे आगे कोई खड़ा नहीं रह सकता और तुम मुझसे बड़ा ओर सुंदर घोसला बनाने का सोचने लगी मैं इस जंगल में सालों से रह रहा हूं,
और तुम मुझसे पंगा ले रही हो
गौरी–कालू कावे
सच कहते हैं सब तुम्हारे बारे में तुम एक जलकुकड कौवे हो तुम
बस सबसे जलते रहते हो तुम खुद तो कुछ करते नहीं
अगर कोई कुछ अच्छा करता है तो तुम्हें उससे भी जलन होती है
कौवा–गोरी तू हमारे बीच में ज्यादा मत बोल वरना तेरा जो घोंसला है जिसमें तू बड़ी मुश्किल से आती है उससे मुझे तोड़ने में जरा भी टाइम नहीं लगेगा याद रख
कुकू–अरे कालू भाई क्यों
सभी को परेशान करते हो
टुनी कितनी मेहनती है ,ये तो सभी जानते है,और आप क्या हो ये भी जानते है ,
कालू–कुकू तू अपनी गाजर खाने से मतलब रख समझा हमारे बीच में बोलना बंद कर
वरना मेरी एक चोंच से तेरी सारी अकल ठिकाने आ जाएगी समझा
टुनी–कालू आज तुमने अपनी सारी हदें पार कर दी
तुम और तुम्हारी आवाज इतनी डरावनी है इसका मतलब यह नहीं कि तुम सबको डरते रहोगे आज फैसला होकर ही रहेगा
कालू–अच्छा तो टुनी चिड़िया मुझे डराएगी
ओर हंसने लगता है
गोरी–टुनी रहने दो ,चलो हम फिर से तिनका तिनका इकट्ठा करके नया घोंसला बनाते है ,
कुकू–हां टुनी मैं– भी तुम्हारी मदद करूंगा तिनके चुनने में
कालू–मुझे तो तुम तीनों पर बहुत हंसी आ रही है, बेचारे फिर से नया घोंसला बनाओगे,
घोंसला बनाना बच्चों का खेल समझा है क्या सालों की मेहनत लगती है,समझे
टुनी–कालू मैं तुम्हें एक दिन में घोंसला बना कर दिखाऊंगी लेकिन तुम मेरी चुराई हुई तिनको से भी घोंसला नहीं बना सकते क्योंकि तुम एक निकम्मे और आलसी कौवे हो
कौवा–Haha haa
1 दिन में घोंसला बनाओगी मुझे तो तुम पर सचमुच बहुत दया रही है मैं भी अपना घोंसला तैयार करने जा रहा हूं देखते हैं किसका घोसला जल्दी बनता है।
ओर फिर टुनी ,कुकू, ओर गोरी तिनका की तलाश में निकल जाते है।
कुकू–टोनी एक जगह है जहां मैं बहुत सारी घास और तिनके देखे हैं क्यों ना हम तीनों उधर चले
टुनी–ठीक है कुकू भैया हम चलते है
जैसे ही टुनी कुकू और गौरी वहां पहुंचते हैं देखते हैं वहां सचमुच बहुत सारी घास पड़ी है और बहुत सारे तिनके उसके बाद गोरी अपने झोले में सारे तिनके भर के उसे खरगोश की पीठ पर रख देती है ,और कुछ तिनके गौरी और टुनी अपने मुंह में दबाकर जंगल की ओर चल देते हैं
इतने तिनके पाकर टुनी बहुत खुश होती है और खुशी-खुशी अपने घोसले को बनाने में लग जाती है
टुनी–कुकू भैया आपका बहुत धन्यवाद अपने हमारी इतनी मदद की
आपको पता है इतने तिनके से तो एक बहुत सुंदर घोंसला बना सकता है और गौरीइतने तिनके मैं मैं तुम्हारे घोसले को भी सुंदर बना दूंगी
गोरी–
नहीं तूने मुझे मेरा वह छोटा सा घोंसला ही पसंद है तुम अभी अपना घोंसला बना शाम होने वाली है,
कुकू–
लेकिन टोनी तुम शाम से पहले घोंसला कैसे बना पाओगे इतनी जल्दी तो घोंसला बना ही नहींपता
गोरी–
अरे कुकु भइया
हम तीनों मिलकर घोसला बनाएंगे तो देखना घोंसला कितनी जल्दी बन जाएगा
टुनी–
हां कुकू भैया हम तीनों मिलकर बनाएंगे तो घोंसला बहुत जल्दी बनजाएगा
और फिर तीनों मिलकर उसे घोसले को कुछ ही घंटे में बना देते हैं यह सब देखकर सभी चौंक जाते हैं
टुनी ने सचमुच एक बेहद सुंदर घोंसला बनाया था, और फिर उसे घोसले को देखने के लिए सभी लोग टुनी के घोंसले के पास आ जाते हैं लेकिन देखते हैं कि अचानक से बहुत तेज बारिश हो गए सभी लोग अपने-अपने घरों में चले गए और टुनी भी अपने घोंसले में आराम करने लगी तभी बाहर से एक आवाज आती है
कालू
टुनी बहन टुनी बहन
तूने अपने घोंसले से बाहर आती है तो देखी है बारिश में कौवा भीग रहा है ,
टुनी
कालू तुम, अब क्यों आए हो यहां पर
कालू।
मुझे माफ कर दो टुनी मैने तुम्हारे साथ बहुत गलत किया,जिसकी सजा भी मुझे मिल गई है,
मेरी मेहनत से बनाए हुआ घोंसला थोड़ी सी हवा से टूट गया ,
और उसमें रखा मेरा सारा सामान पानी में बह गया
तुमने इतना बड़ा घोंसला बनाया है क्या तुम अपने घोसले की एक मंजिल पर आज रात के लिए मुझे रहने की जगह दे सकती हो इतनी बारिश में मैं कहां जाऊंगा मुझे कोई भी रखने के लिए तैयार नहीं है
टुनी
कालू तुमने आज तक इस जंगल में रहकर शैतानियां की है,तुम्हे कोई क्यों अपने घर में जगह देगा ।
कालू
हां टुनी
कोई और मुझे जगह नहीं देगा लेकिन मैं जानता हूं कि तुम बहुत दयालु हो तुम मुझे जगह जरूर दोगी अगर आज तुमने मुझे इस आंधी और बारिश में जगह नहीं दी तो मैं मर जाऊंगा मुझे बहुत तेज बुखार है मुझे अपने घोंसले में थोड़ी जगह दे दो टुनी मैं तुम्हारा एहसान कभी नहींभूलूंगा
नरेशन –कालू कौवे की बात को सुनकर टुनी को उस पर दया आ जाती है और टुनीअपने घोसले की दूसरी मंजिल पर कालू को जगह दे देती है अगले दिन बारिश थम जाती है और सभी लोग अपने-अपने घरों से बाहर आते हैं
और कालू सबके सामने शर्मिंदा सा खड़ा होता है और कहता है
कालू–
टुनी में आज सबके सामने तुमसे माफी मांगता हूं मैं तुम्हें बहुत परेशान किया उसके बाद भी तुमने मुझे अपने घोंसले में जगह दी अगर कल रात तुम मुझे जगा नहीं देती तो मैं मर गया होता इस आंधी और बारिश से मुझे माफ कर देना टुनी मैने तुम्हारा दिल बहुत दुखाया
टुनी
हां कालू तुमने सिर्फ मुझे ही नहीं सभी को परेशान किया है और तुम्हें इसकी सजा भी मिल गई अब तुम अपनी मेहनत से घास और तिनके ढूंढ के अपना घोंसला बनाओ और यह जानो की मेहनत से किया हुआ काम कितनी खुशी देता है।
कुकू–
टुनी तुम सचमुच बहुत दयालु हो तुमने कौवे को अपने घोंसले में रहने की जगह दी अगर तुम्हारी जगह में होता तो मैं यह कभी नहीं करता लेकिन तुम तो सचमुच बहुत दयालु हो और बहुत मेहनती भी देखो इतना सुंदर घोसला वह भी दो मंजिला हमने तो कभी नहीं देखा था यह तो सिर्फ टुनी चिड़िया ही कर सकती है
नरेशन –और सभी लोग टुनी चिड़िया की बहुत तारीफ करते हैं,
गोरी अपनी सहेली टुनी को गले लगा लेती है और कहती है
गोरी–
टोनी तुम सचमुच बहुत प्यारी हो तुम्हारी तरह मेहनती ईमानदार और दयालु इस पूरे जंगल में कोई नहीं है
चलो अब तो मुझे टमाटर का सूप पिला दो
और फिर तुनी सभी के लिए टमाटर का सूप बनती है और सभी उसे खुशी-खुशी पीते हैं।