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टुनी–टुनी  के मोमोस सबसे अच्छे ,सबसे सस्ते सबसे हेल्दी जो एक बार खाए वह बार-बार आए ,टुनी  के मोम का स्वाद कभी ना भूल पाए ,आओ ,आओ खाओ खाओ ,ओर पैक करके अपने घर भी ले जाओ।

कुकू कबूतर–टुनी बहन इसमें तो कोई शक नहीं कि तुम्हारे मोमोज इस जंगल के सबसे टेस्टी मोमोज है।

चिंकी चिड़िया–सही कहा कुकू और टुनी  की गार्लिक  चटनी मुझे तो लगता है ऐसी चटनी पूरी दुनिया में कोई बना ही नहीं सकता हां।

कालू कौव–हां हां वह सब तो ठीक है सच कहूं तो एक गड़बड़ है

टुनी के  मोम में ।

कुकू कबूतर–अरे भाई कालू तुम्हें तो हर जगह बस गड़बड़ ही दिखती है ,टुनी के मोम इतनी टेस्टी है ,अब तुम उसमें भी गड़बड़ निकलने लगे ,और इतनी ही गड़बड़ है तो भला क्यों चार-चार प्लेट रोज खा जाते हो

चिंकी–सही तो बात है सबसे ज्यादा मोम तो तुम ही खाते हो कालू  और बोल रहे हो कि टुनी  के मोम में गड़बड़ है ,मेरी दोस्त कभी कुछ गलत नहीं बना सकती ,उसके मोम खाकर तो तबीयत ठीक हो जाती है ,और तुम बात करते हो कि टुनी के मोमोस में गड़बड़ है ।

कालू–अरे लेकिन सुनो  तो को की गड़बड़ क्या है ,

टुनी 10 रुपए में तीन मोम देती है और जंगल के बाहर दूसरे जंगल में ₹10 के 6 मोम मिलते हैं, अब तुम ही बताओ कि टुनी हमे कितन बुद्धू बना रही है।

Narretion –टुनी  सभी की बातें सुन रही थी,लेकिन वह सिर्फ अपने मोमोस बनाने में अपना ध्यान लगा रही थी क्योंकि वह जानती थी ,की कालू कौवा हर वक्त उसे परेशान करना चाहता है उसके मोमोज की दुकान अच्छी चलने लगी थी, इसलिए वह चाहता था की टुनी की दुकान बंद हो जाए, इसलिए वह सभी से बार-बार कहता कि के मोमोस अच्छे नहीं है,

कालू खुद तो टुनी चिड़िया के चार-चार प्लेट मोमोस खा जाता लेकिन चाहता था,की  उसकी  दुकान बंद हो जाए और जब भी उसकी दुकान पर ज्यादा ग्राहक होते हैं, वह हमेशा नुस्ख  निकाल कर सबको बताता लेकिन आज टुनी  चिड़िया को गुस्सा आ गया और वह अचानक से आकर कालू कौवे से कहती है…

टुनी–कालू तुम्हें अगर मेरे   मोमोज इतने ही महंगे लगते हैं तो भला क्यों 1 दिन में चार-चार प्लेट खा जाते हो,

तुम्हें पता है ,दूसरे जंगल जा कर रोज़ रोज़ मोमोस के लिए सारी चीजें जुटाना कितना महंगा पड़ता है ,उसके बाद तुम ये बताओ कि तुम्हें मेरी तरह चटनी कौन देता है भला ,

मेरी गार्लिक अखरोट की चटनी खाने सब दूर जंगल से आते है ,और एक तुम हो कि कह रहे हो कि मोमोज महंगे है।

कालू–अरे माना कि तुम्हारी चटनी गार्लिक अखरोट की बनती है लेकिन टुनी तुम 10 रुपए  में तीन मोमोज देती हो और दूसरे सभी  तुमसे डबल, 6 मोमोस एक प्लेट में देते है ।

टुनी–कालू मेरे मोमोस के अंदर सब्जियों के साथ ,पनीर भी होता है,और  मेरे मोमोज मल्टीग्रेन होते है  जो मोमोस तुम खाते हो ,

वह मैदे के बने होते हैं और ना ही उसमें सब्जियां होती है और ना ही पनीर उसमें बस सड़ा गला पत्ता गोभी होता है और यह बात सब जानते हैं।

कुकू–हां भाई कालू बात तो टुनी बहन एकदम ठीक कह रही है , टटुनी के मोम खा के हम सब हेल्दी हो रहे हैं, ना कि बीमार,

 और अगर तुम्हें बीमार होना है तो जाओ और जाकर खाओ ना कहीं और से,टोनी के मोम क्यों खा रहे हो।

चिंकी–कालू तुम्हें पता भी है टुनी  कितनी मेहनत करती है मोमो बनाने के लिए ,जंगल में जाकर सुबह 5 बजे सब्जियां तोड़ना, रोज मल्टीग्रेन आटे को अपनी चक्की में पीसना ताजा ताजा पनीर लाना और ,अखरोट रानू चिड़िया से लेना और उसे भी पैसे देना तब जाकर बनते हैं कहीं टुनी के मोमोज समझे,

 और तुम इसे खेल समझ रहे हो

नरेशन –चिंकी और कुकू की बातें सुनकर कालू कौवा वहां से रफा दफा हो जाता है और मन ही मन कहता है.

कालू–इस टुनी को तो एक दिन मजाक चखा कर रहूंगा समझती क्या है अपने आप को एक तो ज्यादा पैसे लेकर कम मोम देती है और ऊपर से,अकड़ दिखती हैं।

गोरी –क्या हुआ जी क्या बड़बड़ रहे हो

कालू– अरे कुछ नहीं वही टुनी और उसके मोमोज की कहानी

मैंने कहा ₹10 के तीन मोम देती हो तो कहने लगी मेरे मोमोज स्पेशल है हर कोई मेरे मोम खाने के लिए तरसता है,उसका घमंड तो तोड़ना पड़ेगा।

गोरी –हां आजकल कुछ ज्यादा ही उड़ रही है ,टुनी चिड़िया उसकी मोमोज जरा फेमस क्या हो गए अपने आप को बहुत होशियार समझने लगी है।

मैं तो कहती हूं बारिश आने वाली है जाएगी कहां लड़कियां लेने तो हमारे पास ही आएगी, देखा नहीं तुमने उसका घर बारिश में टपकता,है कितना पानी टपकता है उसके घर में इस बार तो उसे अपने घर के लिए लड़कियां बदलना ही पड़ेगी।

कालू–अरे गोरी तुम्हारा तो जवाब नहीं यह तो मैंने सोचा ही नहीं और इससे अच्छा तरीका तो कुछ है ही नहीं टुनी को मजा चखने का

गोरी–लेकिन एक बात तो पक्की है जी टुनी के  जैसे मोम पूरी जंगल में कोई नहीं बन सकता, तुम्हारे आने से पहले मैंने भी एक प्लेट टुनी  के मोमो मंगाए  थे और वही खाए हैं

कहीं ऐसा ना हो कि हम उसे लड़कियां ना दे और वह हमें मोम ना दे

कालू–अरे तुम भी ना अब तो टुनी ने सब कुछ बता दिया है कि वह कैसे मोम बनती है हम खुद ही मोम का स्टाल लगा लेंगे समझी कि नहीं

गोरी–कैसी बातें करते हो तुम मुझे सुबह 5:00 नहीं उठा जाता तू नहीं सुबह 5:00 उठकर जंगल के अंदर जाती है बहुत अंदर और तुम्हें पता है सब्जियां ताजा पनीर अखरोट सब कुछ लेकर आती है मैं तो यह काम नहीं कर सकती तुम कर सकते होतो बोलो

कालू–हां हां ठीक है ठीक है आने दो बस टुनी को लड़कियां लेने बताता हूं उसे

नरेशन –तभी एक दिन अचानक बहुत तेज तूफान आ जाता है और वह तूफान टोनी के घर की छत को उड़ा देता है जो घास फूस की बनी होती है तभी तुनी की बेटी गुड़िया अचानक रोनेलगती है

गुड़िया–मम्मी मम्मी हमारा घर हमारा घर टूट गया अब हम कहां रहेंगे देखो तूफानआ रहा है

टुनी–गुड़िया चिंता मत करो

जल्दी से हम दोबारा घर बना लेंगे मैं अभी कालू काका के पास जाकर लड़कियों की बात करके आती  हूं और इस बार हम मजबूत घर बनाएंगे ताकि हमारा घर कभी न टूटे

गुड़िया–लेकिन मम्मी कालू काका लड़कियां तो दे देंगे

टुनी –भला कालू काका में लड़कियां क्यों नहीं देंगे हम उन्हें पैसे देंगे बिटिया वह हमें लड़कियां जरूर देंगे चलो तब तक मैं तुम्हें चिंकी मासी के पास छोड़कर आती हूं  हम आज उन्हीं के घर पर रहेंगे

टुनी–चिंकी चिंकी कहां हो तुम

चिंकी–हां टुनी  बहन क्या हुआ

टुनी–चिंकी देखो ना अचानक तूफान आ गया मैं कल घर की मरम्मत करने ही वाली थी लेकिन इस तूफान ने तो सब कुछ खराब कर दिया हमारे घर की तो छठ उखड़ गई क्या तुम मुझे एक रात अपने घर पर रहने की इजाजत दे सकती हो

चिंकी–टुनी बहन जरूर तुम आज रात मेरे घर पर ही रहो और कल हम मिलकर तुम्हारा घर की मरम्मत भी कर देंगे

टुनी–चिंकी तुम गुड़िया को संभालो तब तक मैं जरा कालू से पूछ कर आती हूं अगर वह मुझे लड़कियां दे देगा तो कल ही हम घर के मरम्मत शुरू कर देंगे

चिंकी–ठीक है टुनी तुम जाओ तब तक मैं गुड़िया के लिए और तुम्हारे लिए कुछ बना कर रखती हूं

नरेशन –तभी टुनी  कालू कौवे के घर पहुंचती है और उसका दरवाजा खटखटाती है दरवाजा गौरी खोलती है और टुनी सेकहती है

गौरी–अरे टुनी तुम अचानक यहां कैसे

टुनी –अरे गोरी बहन  क्या है ना अचानक से तूफान आया और हमारे घर की छत उड़ गई अभी मुझे लड़कियों की जरूरत है तो सोचा कालु भैया का लड़कियों का काम इतना अच्छा है,

 तो सोचा  क्यों ना तुमसे ही लकड़ी ली जाए

गोरी–हां हां क्यों नहीं क्यों नहीं मैं अभी इन्हें बुलाकर लाती हूं तुम ना कालू से ही बात कर लो

नरेशन– तभी कालू कौवा वहां आता है और टुनी चिड़िया को देखकर बहुत ही मीठे स्वर में बोलता है

कालू– भला तुम्हें मुझसे  क्या काम पड़ गया टुनी

टुनी –कालू  भाई अब हम एक ही जंगल में रहते हैं तो एक ही परिवार के हुए ना ,

एक दूसरे से काम तो पड़ता ही रहेगा मैं  कह रही थी कि मुझे कुछ लकड़ियों की जरूरत है

 तूफान आ गया है और बहुत जल्द बारिश भी शुरू हो जाएगी मेरा मेरे घर की छत उड़ गई है मुझे जल्द से जल्द दोबारा छत की मरम्मत करनी है क्या तुम मुझे कुछ लड़कियां दे दोगे

कालू –लकड़ियां माफ करना बहन

लेकिन लकड़ि तो मैं तुम्हें नहीं दे सकता क्योंकि सारी की सारी लड़कियां मैंने पहले ही किसी को देने का वादा कर दिया है

 टुनी–लेकिन तुमने किसको देने का वादा कर दिया

कालू– अरे वो हमारे जंगल के  चीनी चिल को देने का वादा कर दिया है अब उन्हें तो बहुत ज्यादा ही लकड़ियां लगाती है

टोनी –कालू भाई मुझे तो बहुत थोड़ी लड़कियां चाहिए अगर तुम उन्हें थोड़ी कम लड़कियां दे दो

और मुझे उनके बदले मुझे दे दो तो मेरा काम भी हो जाएगा वरना अभी इस वक्त मैं किस से लकड़ियां मांगने जाऊंगी

कालू –देखो बहन टुनी वह तो मैं नहीं जानता कि तुम किसी से लड़कियां मांगने जाओगी मुझे माफ करना मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर पाऊंगा

टुनी– अरे लेकिन कालू  भाई…

गौरी –टुनी  बहन आओ मैं तुम्हें मोम खिलातi  हूं आज मैंने अखरोट और गार्लिक चटनी बनाई है साथ में

 नरेशन– टुनी समझ जाती है कि कालू कौवा और गौरी उसका मजाक उड़ा रहे हैं

और उससे उस दिन का बदला ले रहे हैं वह वहां से निराश होकर चली जाती है चिंकी के घर पहुंचते हे

चिंकी–क्या हुआ टुनी इतनी उदास क्यों लग रही हो

टुनी–कुछ नहीं चिंकी कालू ने लकड़ियां देने से मना कर दिया अब मैं कैसे छत की मरम्मत करूंगी दूर जंगल से लड़कियां लाना कितना मुश्किल है भला वहां से लड़कियां उठाकर कैसे लाऊंगी

 चिंकी –टुनी पहले तुम कुछ खा लो हम सुबह कुछ सोचते हैं

टुनी –चिंकी मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा अगर लकड़ियां नहीं मिली तो बारिश आ जाएगी और बारिश के आने से पूरा घर भीग जाएगा और सब कुछ खराब हो जाएगा

चिंकी–टुनी बहन में कह रही हूं ना तुम चिंता मत करो कुछ ना कुछ उपाय हम जरूर सोच लेंगे

नरेशन–अगले दिन तूने अपनी दुकान नहीं लगती है तभी जंगल में रानू चिड़िया आती है और वह टुनी की बंद दुकान देखकर चिंकी के घर पहुंच जाती है

चिंकी– अरे रानू तुम सही जगह आई हो तुनी भी यही है अंदर आ जाओ टुनी और चिंकी गुल्लू को सारी बातें बताते हैं तभी गुल्लू एक उपाय निकलती है

 रानू चिड़िया –  कालू ने तो तुम्हें लड़कियां नहीं दी क्योंकि वह तुमसे बदला लेना चाहता था अब हम एक काम करते हैं , तुम अपनी छत लकड़ियों  की जगह कबेलू की बनाओ तुम्हें पता है कबेलू लकड़ी से कहीं ज्यादा सुरक्षित होते हैं और एक बार तुम कबेलू के छत बना लोगी तो कभी वह छत खराब ही नहीं होगी और ना ही उसमें बारिश का पानी कही से भी अन्दर आ पाएगा ।

रानू चिड़िया –अरे गुल्लू यह सब तो ठीक है लेकि कबेलू मिलेंगे  कहां से

रानू – तुम उसकी चिंता मत करो मेरे पास इसका भी आईडिया है

टुनी– अरे क्या आईडिया है तुम्हारे पास

रानू –चलो मेरे साथ

 रानू,चिंकी और टुनी जंगल की ओर चलते हैं रास्ते में उन्हें कुकू कबूतर  भी मिल जाता है चारों चलते जाते हैं, तभी देखते हैं की रानू के घर के पास बहुत सारे कबेलू रखे हुए हैं और वह कभी रानू के माता-पिता ने रानू  के भविष्य के लिए संभाल कर रखे थे, वह इतने काबेलू थे कि उनसे पांच घर बन सकते थे उनमें से थोड़े कबेलू रानू  ने टुनी को दे दिए चारों मिलकर अपने-अपने झोले में भरकर थोड़े-थोड़े कबेलू लेकर टुनी के घर पहुंचते हैं

उसके बाद चारों मिलकर  काबेलुओं से टुनी के घर की छत बना देते हैं और छत कोई ऐसी वैसी नहीं होती उसे मोमोस का आकार देते हैं

और उसके ऊपर सफेद कलर से पुताई कर देते हैं अब टुनी के घर की छत बिल्कुल मोम के आकार की लग रही थी जिसे देखने के लिए दूर-दूर के जंगल से जानवर आते और टोनी की बहुत तारीफ करते

तभी एक दिन टुनी कहती है

टुनी–तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद रानू अगर तुम नहीं होती तो मेरी छत कभी बन ही नहीं पाती

रानू–नहीं बहन कोई बात नहीं तुमने मुझे इतने पैसे दिए हैं तुम हर रोज मुझे अखरोट खरीदती  हो उसके बदले इतने से कबेलू  तुम्हें देना यह बहुत छोटी बात है

तभी कुकू कबूतर कहता है

कुकू–टुनी बहन मैं तो कहता हूं तुम अपने घर में ही अब मोम बेचना शुरू कर दो तुम्हारा घर इतना सुंदर लगता है लोगों की और भीड़ आएगी

नरेशन –और टुनी  ने ऐसा ही किया और मोम के आकार का घर देखने दूर-दूर के जंगलों से सारे जानवर वहां मोम खाने आते अब ट्यूनिकका घर मोम का छोटा रेस्टोरेंट भी बन गया जहां पर बाहर टेबल कुर्सियां लगी है और सभी बैठकर मोमो हाउस में मोमो खाते हैं ,और टुनी  की बहुत तारीफ करते हैं यह सब देखकर कालू कौवा और गौरी बहुत चिढ़ते हैं और आपस में एक दूसरे से बात करते हैं

गोरी– मैं ना कहती थी तुम्हें की देखना एक दिन टुनी के मोम खाने को नहीं मिलेंगे

 कौवा –अरे मुझे क्या पता था कि वह गिल्लू गिलहरी की इतनी मदद कर देगी देखो ना अब तो टुनी का कारोबार चल पड़ा है ,

गोरी,–अब तो टुनी मोमो हाउस की मालकिन बन गई है मैं तो कहती हूं चलो हम भी जाकर उससे  माफी मांग लेते हैं कम से कम मोम खाने को तो मिलेंगे

कालू,–बात तो तुम सही कह रही हो चलो चलते हैं

नरेशन– और कालू कौवा और गौरी टुनी के मोमो हाउस पर जाते है ,

टुनी भी उन्हें माफ कर देती है और उन्हें एक-एक प्लेट मोम देती है सभी लोग कालू कौवे और गौरी को देखकर हंसते हैं।

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